Zusammenfassung der Ressource
निवृति राठी - मिर्ज़ा गालिब - प्रवाह संचित्र
- उनको आम खाने का
बहुत ही चाव था |
- वह पुराने दिल्ली के हवेली के
पास स्थित कासिम जान नामक
एक गली में रहते थे |
- वह एक विश्वप्रसिद्ध
उर्दू शायर भी थे |
- गालिब ने आमों पर भी
शायरी की है |
- प्रतिवर्ष, आमों के ऋतु में दिल्ली की 'गालिब
अकादमी' द्वारा उनके याद में 'आमों की दावत' का
आयोजन किया जाता है |
- गालिब एकमात्र ऐसे मनुष्य थे
जिन्होंने नाना प्रजातियों के
आम खाए थे |